रामेश्वर दुबे
18 सितम्बर 2019
"हे राम" से "जय श्री राम "
हे राम! तुम तो भगवान ,तुम्हारी जगह तो पाषाण
तो रहो तुम मूर्ति में ही विराजमान ,
किसी के ह्रदय में विराजने की, कैसे की जूरत ?
किसी भी तरह नहीं वर्दास्त अब तुम्हारी ये सूरत।
अब रहो तुम अयोध्या घाट में,और वो राजघाट में,
घाट में विराजमान रहने वाले,तुम कैसे पहुंचे घट में ?
मितरों!क्या नहीं रहा इसीलिए राष्ट्र,धर्म संकट में?
अब संकट मुक्त होगा भारत ,
बस यही मंत्र जप रहे आज के नारद--
हिदुस्तान -पाकिस्तान,श्मसान -कब्रिस्तान ,
हिन्दू -मुसलमान
वेद-बाइबिल ,पुराण -कुरान ,
गीता,गाय ,गोबर ,गंगा नहान ,
जय श्री राम ,जय श्री राम,जय श्री राम।
18 सितम्बर 2019
"हे राम" से "जय श्री राम "
हे राम! तुम तो भगवान ,तुम्हारी जगह तो पाषाण
तो रहो तुम मूर्ति में ही विराजमान ,
किसी के ह्रदय में विराजने की, कैसे की जूरत ?
किसी भी तरह नहीं वर्दास्त अब तुम्हारी ये सूरत।
अब रहो तुम अयोध्या घाट में,और वो राजघाट में,
घाट में विराजमान रहने वाले,तुम कैसे पहुंचे घट में ?
मितरों!क्या नहीं रहा इसीलिए राष्ट्र,धर्म संकट में?
अब संकट मुक्त होगा भारत ,
बस यही मंत्र जप रहे आज के नारद--
हिदुस्तान -पाकिस्तान,श्मसान -कब्रिस्तान ,
हिन्दू -मुसलमान
वेद-बाइबिल ,पुराण -कुरान ,
गीता,गाय ,गोबर ,गंगा नहान ,
जय श्री राम ,जय श्री राम,जय श्री राम।