Wednesday, February 7, 2024

jivan-khoj

 जीवन-खोज

क्या है जीवन ?

कहाँ    है जीवन ?

सामानो में  या सम्बन्धो में 

जण  में  या चेतन में 

पिन्ड  में  या ब्रह्मन्ड  में 

धरती या आकश में 

सागर या पहाड  में  

शरीर में  या प्राण  में 

                             आग, पानी,आन्धी में 

                             गोडसे   या गान्धी  में 

                                          युद्ध में  या बुद्ध में 

                             सिकन्दर  या सुकरात में 

                            दिन में  या रात में 

आलिसान बङ्गला या महन्गे कार में 

अधरों  के मुस्कान या अश्रुधार में 

खेत, किसान मे या फ़ैक्त्री बाजार में 

शह्रर के सडक गांव के गलियार में 

शान्ति में , भ्रान्ति में ,या हरवा हथियार में ?

                                माता- पिता, भाई- बहन,दोस्त या यार में 

                                पति- पत्नि,प्रेमी- प्रेमिका के पनपते प्यार में 

                                गुरु- शिश्य ,बेटा- बेटी , शाले- शाली के द्वार में 

                                स्वयम सन्यास, देव प्रेम या देश प्रेम में 

                               या धर्म ध्वजा के हुङ्कार में 

                              जन्म में , म्रित्यु में ,या सरकते सन्सार में ?

जीवन " है", हुई अनुभुति,

"क्या है" रहा अनुतरित,

खोज जारी है

शब्द पर मौन भारी है

जीवन कहाँ  है ?

पाया उत्तर

जीवन वहाँ  है

जहाँ  सत्य,अहिन्सा,करुणां  और न्याय है

जीवन का यही पर्याय है,बस यही पर्याय है.

०४ फ़रवरी २०२४




Monday, February 5, 2024

ANUBHUTI

 अनुभुति

क्या हो जब

 मञ्जिल ही मार्ग बन जाए,

फिर क्यो और कहा जाए?

या फिर

जब मार्ग ही मञ्जिल बन जाए

तो जहा भी जाए उसे ही पाए 

प्रेम ही मार्ग प्रेम ही मञ्जिल

सुख मे दुख मे आनन्द पाए

जन्मते बाल राम, जवानी मे सिया राम

मिलते राम राम, मरते सत्य राम

अहा, राम के रसते राम को पाए

जीवन भर आनन्द मनाए.

२२जनवरी२०२४ प्रानप्रतिस्था के अवसर पर